इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-20)
पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि जैसे ही अवनी घर में आने के लिए पैर अंदर करने वाली होती है वैसे ही निहारिका जी पीछे से उसे रोक लेती है जिसकी वजह से अवनी , ऋषभ , आनंद .... निहारिका जी की तरफ देखने लगते है ,
अब आगे ,
आनंद - ( हैरानी से )क्या हुआ मॉम ....आपने भाभी को क्यों रोक लिया ?
निहारिका जी - कुछ नहीं यही खड़ी रहो बस अंदर मत आना ..
( और फिर निहारिका जी अंदर चली जाती है तो अवनी कहती हैं )
अवनी - मॉम को क्या हुआ ? मुझसे नाराज़ है क्या ???घर में क्यों नहीं आने दे रही .... मुझे बहुत अजीब लग रहा ये (आनंद से )मॉम ऐसा क्यों कर रही ......
( तभी पीछे से निहारिका जी कहती है ...अरे मै क्यों अपनी बेटी से नाराज होने लगी (मुस्कुराते हुए ) वो तो बस मै ये लाने गई थी .....सब फिर निहारिका जी की तरफ देखते है जिन्होंने हाथो मै आरती की थाल ....और साथ में मैड्स ने लोटे में चावल और थाल मे आलता लेकर खड़ी होती है..….
आनंद - ओह माते जब ये ही लाना था.....तो आप बिजली कि तरह क्यों सबको करंट मारकर गई 😂आपको पता है भाभी तो पूरी ही डर गई थी ।
(अवनी सिर नीचे करके मुस्कुराने लगती है , फिर निहारिका जी डोर के पास आती है और अवनी - ऋषभ को तिलक लगाकर ...उनकी आरती उतारती है उसके बाद नीचे लोटे मे चावल रखकर कहती है ,)
निहारिका जी - ( मुस्कुराते हुए ) अब इसे धीरे से गिरा कर घर में आ जाओ ....
अवनी - जी मां
( तभी आनंद कहता है )
आनंद - भाभी( हंसते हुए ) ...धीरे से मारिएगा ठीक है ...क्योंकि मै बैट लाना भूल गया 😄
अवनी - क्या मतलब ???
(सब हंसने लगते है आनंद की बात पर ....)
निहारिका जी - अब चुप हो जाओ .........और .अवनी अब तुम जल्दी से अन्दर आ जाओ ...बहुत सारी बाते करनी है ..😍
( अवनी फिर चावल से भरे हुए लोटे को पैर से गिराती है और अंदर आ जाती है ,
उसके बाद मैड्स आलते से भरी हुई थाल नीचे रख देती है जिसमे अवनी पैर डालकर अंदर आगे बढ़ जाती है तो अवनी और ऋषभ ... निहारिका जी के पैर छूते है तो अवनी को बर्थडे विश करती है और सब लोग अंदर आ जाते है तो निहारिका जी देखती है कि आनंद डोर के पास बैठकर........नीचे कुछ देख रहा है
निहारिका जी - ये तुम क्या कर रहे हो ?
आनंद - ( सर ऊपर करके शॉक होकर ) भाभी की फुटप्रिंट्स ..... देखिए,
निहारिका जी - हां फुटप्रिंट्स ही तो है ..
आनंद - हां फुटप्रिंट्स तो है पर मै चेक कर रहा हूं कि किसी चुड़ैल के तो नहीं है .....(हंसते हुए )
निहारिका जी - ( गुस्से में ) तुम्हे मजाक सूझ रहा ..रुको अभी तुम्हारे डैड को बोलती हूं कि कल से तुम भी कंपनी जाओगे ...
आनंद -
ओह हो माते
हमे कंपनी के काम
नहीं आते .....
मै तो बस करना चाहता हूं
सबसे मुलाकाते
पर शायद हमारी वाली को
हम नहीं भाते
( खुद ही वाह वाह करता है 😄)
निहारिका जी हंसने लगती है उसकी बात सुकर पर तभी ( सीरियस मोड में ) ये हमारी वाली कौन है जनाब ??
आनंद -( जीभ बाहर निकलते हुए ) मतलब हमारी वाली पैदा ही नहीं हुई है .....बाय मॉम ....
( इतना कह आनंद वहां से भागने लगता है तो खुशी से टकरा जाता है जो सामने से आ रही होती है और उसका बैलेंस बिगड़ जाता है तो आनंद उसे अपनी बाहों में पकड़ लेता है .......और कहता है ,
आनंद - आई विश आप रोज इसी तरह गिरती रहे और मै इसी तरह आपको पकड़ते रहु....
खुशी -( 🙄) क्या ..क्या कहा आपने ??
आनंद - कुछ कुछ नहीं ....
(फिर खुशी ..सीधी खड़ी हो जाती है वहां से चली जाती है तो पीछे से आनंद कहता है ,)
आनंद - मेरे सपनो की रानी कब आएगी तू ...
ट्विंकी - (पीछे से ) इसी तरह खड़े रहे तो कभी नहीं आएगी ....
आनंद -( ओह ) तुम यहां ....वैसे एक बात पूछनी है ?
ट्विंकी - क्या ?
आनंद - कोई पसंद है क्या ....मतलब विहा
( बीच में हु )
ट्विंकी - कोई पसंद है ........पता नहीं
( इतना कहकर वो अंदर चली जाती है , और आनंद भी बाहर चला जाता है डेकोरेशन का काम देखने )
*********
अंदर पहुचनें के बाद ऋषभ ...अनंत जी से मिलने चला जाता है और अवनी वहीं हॉल में बैठ जाती है सभी लोगो के साथकी तभी कोई पीछे से आकर आंखे बंद कर लेता है ...
( कौन है कौन बताओ )
अवनी -( मुस्कुराते हुए ) अरे ये तो हमारे विवेक बाबू की आवाज है ....
विवेक - ओह हो दीदी फिर से पहचान गए ....
(अवनी हंसते हुए विवेक को अपनी साइड में बिठा लेती है और थोड़ी देर बाद परी भी आ जाती है जिसे वो प्यार से अपने गोद में बिठा लेती है .......2 दिन कि दूरी अवनी को बरसो लग रहे होते है ....वो उन दोनों को उनकी फेवरेट चॉकलेट देती है तब विवेक कहता है ,
विवेक - दीदी ....आनंद भैया बहुत अच्छे है ......वो हम दोनों का बहुत ख्याल रखते है और खूब मजा भी आता है , और निहारिका आंटी तो हमे रात में कहानियां सुनाती है , विहान भईया तो रोज हमे वॉक पर ले जाते है ....और उनकी मम्मी वो तो मुझे खिला खिला कर मोटा करना चाहती है .....
(सब लोग वहां हंसने लगते है ....थोड़ी देर तक सब लोग इसी तरह बातचीत करते है , फिर निहारिका जी कहती है)
निहारिका जी - ( अवनी से )मेरे साथ कमरे में आयो ...
(अवनी फिर निहारिका जी के साथ उनके कमरे में जाती है जहा वो ...अवनी को रिसेप्शन में पहनेने के लिए ड्रेस देती है तो अवनी कहती है ,)
अवनी - मॉम इसकी क्या जरूरत थी ...मै पहन कर आईं तो हूं ,
निहारिका जी - अरे क्यों ...मेरी बेटी तो बेस्ट दिखनी चाहिए ...इसलिए ये ड्रेस मै खुद चुन कर लाई हु .......(मुंह लटकाटे हुए ) हां अगर तुम्हे नहीं पसंद तो रहने दो ..
अवनी - मॉम मुझे ये ड्रेस पसंद है ..
निहारिका जी - ( मुस्कुराते हुए ) तो फिर जल्दी से रेडी हो जाओ ...और मै ऋषभ को भेजती हूं ..
अवनी - ( धीरे से ) उनकी क्या जरूरत ...
निहारिका जी - कुछ कहा ??
अवनी - नहीं मॉम ...
( ठीक है कहकर निहारिका जी वहां से चली जाती है और अवनी फिर रेडी होने लगती है ....तभी लाइट चली जाती है और उसी टाइम दरवाजे पर भी कोई आ जाता है ...अवनी अपनी डोरी पकड़ते हुए ही कहती है ..कौन ?
ऋषभ - मै ..
अवनी - ओह ...
( अवनी फिर अंधेरे में ही अपनी डोरी बांधेने लगती है ..पर वो बार बार खुल जाती है...वहीं ऋषभ फोन का टॉर्च ऑन करके अपनी ड्रेस लेता है तो अवनी कहती है ,)
अवनी - सुनिए
ऋषभ - जी बोलिए ...
अवनी - मेरा एक काम करेंगे आप क्या ?
ऋषभ - क्या ....
अवनी - ( हकलाते हुए ) ये मेरी...मेरी डोरी .. डोरी बांद देंगे ......क्या ...मुझसे नहीं बंध रहा ...
ऋषभ - ठीक है
अवनी - पर मोबाइल की लाइट बंद करके ....
( ऋषभ फिर अवनी के बिल्कुल करीब खड़ा हो जाता है और जैसे ही अपना हाथ से डोरी पकड़ता है उसकी उंगली अवनी की पीठ को छू जाती है .... जिससे अवनी की हार्टबीट तेज होने लगती है ...... वो हकलाते हुए कहती है ,
अवनी - हो ..हो गया ?
ऋषभ - (अवनी के गले में हाथ डालते हुए ) जी हो गया ...
( अवनी घबराकर ...... उससे दूर हो जाती है तभी लाइट भी आ जाती है ...वो कहती है )
अवनी - आप ...आप रेडी हो जाइए ...मै नीचे जा रही हूं..
ऋषभ -( अवनी का हाथ पकड़ते हुए ) नहीं ......मॉम ने साथ में जाने के लिए कहा है ...
( अवनी .....फिर बेड पर जाकर बैठ जाती है और ऋषभ रेडी होने लगता है ...थोड़ी देर बाद ऋषभ कहता है ,)
ऋषभ - मेरी टाई नहीं बंध रही ...,( अवनी से ) आप बांध सकती है क्या ?
अवनी -( घूरते हुए ) आपको आती तो है ..
ऋषभ - नहीं आती है ..
( अवनी फिर तिरछी नजरो से ऋषभ को घूरते हुए ....उसके पास आ जाती है और उसकी टाई बांधने लगती है ......ऋषभ बिल्कुल उसके करीब आकर खड़ा हो जाता है और उसके माथे को चूम लेता है .......अवनी घबराकर पीछे हट जाती है और कहती है ,
अवनी - बन गई आपकी टाई ....अब चले ..
( तभी बीच मे आनंद आ जाता है रूम मै और कहता है ,)
आनंद - भाई प्लीज़ मेरी टाई बना दो ना .....
अवनी - ऋषभ जी को नहीं आता ...
आनंद -( हंसते हुए ) अरे भाभी .... भईया तो बेस्ट है टाई बांधने में ...है ना ब्रो ?
( ऋषभ मुस्कुराते हुए अवनी को देखता है और आनंद की टाई बांध देता है ...तो अवनी ..ऋषभ को घूरते हुए मन में कहती है ( झूठे , मक्कार )
ऋषभ - कुछ कहा आपने ?
अवनी - हां यही की आपको सच बोलने की दवा कैसे खिलाऊ....
आनंद -( खुश होते हुए ) भाभी आपके पास है क्या ...सच बोलने की दवा ...मुझे दे दीजिए ना ..मै खुशी को खिलाऊंगा ..
( ऋषभ - अवनी ...आनंद की तरफ देखने लगते है ...तो वो कहता है )
आनंद - क्या (🙄) हुआ मुझे ऐसे क्यों घुर रहे आप दोनों ?
अवनी - तुम खुशी को पसंद करते हो ?
ऋषभ - और ये रोहन का क्या किस्सा है ?
( आनंद ...उन दोनों के सवाल को सुनता है और कहता है ...भाई .शायद मॉम बुला रही हम लोगो को ...चलते है ...और इतना कहकर आनंद वहां से भाग जाता है ........वो दोनो एक दूसरे को देखते है और फिर एक साथ ही बाहर आ जाते है , हाथ पकड़े हुए ,
निहारिका जी फिर आती है और दोनों की नजरे उतारती है ....उसके बाद वो सभी लोग से मिलते है .....और जाकर सीट्स पर बैठ जाते है ,
तभी वो देखते है सामने गेट पर से रोहन आ रहा है , ...और निहारिका जी उसका स्वागत करती है और खुशी की साइड मे बिठा देती है ,
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दूसरी तरफ ...आदि और रिया जब रोहन को देखते है तो कहते है ,
आदि - ये रोहन जी फिर से यहां क्यों आ गए ?
रिया - आपसे तो उसी दिन कहा था कि पूछ लेते है ....
आदि - अच्छा जी ( रिया की नाक पकड़ते हुए ) आपने ही तो रोक लिया था ..
रिया - ही ही नाक छोड़िए वरना ...कुछ.......... नहीं .
आदि - ह्म्म मुझे लगता है कोई डील होगी ...
रिया - अहा पार्टी के दिन कौन ...काम के लिए बुलाएगा ...
आदि - चलो फिर उन्हीं से पूछ लेते है ?
( दोनों फिर रोहन के पास आते है और कहते है ,)
आदि - हेलो मिस्टर रोहन ... मै आदि
रोहन - हाय ....पर आप कौन ?
( रिया - आदि एक दूसरे की तरफ देखने लगते है )
आनंद - ( आदि से ) तुम जानते हो क्या इन्हे ?
रोहन - नहीं .......( खुशी से ) खुशी जी आप यहां से चलेंगी क्या ...मुझे कुछ बात करनी है आपसे ..
खुशी - जी
( दोनो फिर वहां से निकल जाते है तो आदि कहता है )
आदि - ये खुशी ..रोहन के साथ कहा जा रही है ?
आनंद - ( 🙄) जहा ले जा रहा वहीं जा रही है ...
रिया - अरे हमारा मतलब खुशी उनकी बात क्यों सून रही ..?
आनंद - वो खुशी का मंगेतर है ...
( आदि - रिया ..एक दूसरे की तरफ शॉकली देखने लगते है और एक साथ कहते है)
आदि - रिया = ऐसा हो ही नहीं सकता ....
आनंद -( हड़बड़ा कर ) क्या नहीं हो सकता है ...
आदि - कुछ नहीं कुछ नहीं ....रिया अब चलो
( दोनों फिर वहां से निकलकर अंदर चले जाते है और आनंद यहां मुंह पर हाथ रखकर कहता है ,)
आनंद - अजीब प्राणी है ..
( पीछे से कोई कहता है ..कौन ....आनंद पीछे मुड़ता है तो देखता है कि विहान रसगुल्ले की थाल लेकर खड़ा है .....आनंद जीभ बाहर निकलते हुए कहता है ,)
आनंद - कोई नहीं .....सब अच्छे है वैसे ये रसगुल्ले किसके लिए......
विहान - टविंकि जी के लिए और किसके लिए ले आऊंगा ..
आनंद - ( घूरते हुए ) हां हां जाओ ..अपने हाथो से खिलाना .....
विहान - ठीक
आनंद - ओय रुक....वरना चाची जी को बता दूंगा कि छोरा बिगड़ गया है ...
विहान -( 🙄) खुद से तो अपना जग बचाया नहीं जाता
पर मेरा जग उड़ेलने पर लगे हो ....
आनंद - दफा हो जाओ मेरी नजरो ...पर रसगुल्ले रखकर 😄..
विहान - लात , घुसे सब दूंगा पर रसगुल्ले नहीं ...
( दोनों फिर छीना - झपटी करने लगते है जिसकी वजह से रसगुल्ला का रस उड़कर उनके पास आती हुई खुशी के ऊपर गिर जाता है तो वो दोनो एक दूजे को हैरानी से देखते है तो थाल नीचे छोड़ देते है तो आनंद ..खुशी के करीब आकर ,
आनंद - आप ...आप ठीक है ना ?? आई एम सॉरी ...
( खुशी बिना कुछ कहे अंदर चली जाती है और पीछे पीछे आनंद भी । अब दोनो ही वॉशरूम मे होते हैं तो आनंद कहता है ,)
आनंद - सच मे सॉरी ....आप कहो तो मै अभी आपके लिए न्यू ड्रेस लेकर आता हूं ....
खुशी - ( शांति से )नहीं ...
( आनंद फिर खुशी की हेल्प करता है उसकी चुनरी और ड्रेस को थोड़ा सा धोने मे और साफ होने के बाद फिर खुशी कहती है ,)
खुशी - अब ठीक है ...मै चलती हु ......
(इससे पहले खुशी बाहर निकलती आनंद उसे अपनी बाहों में भर लेता है और कसकर गले लगा लेता है तो खुशी हड़बड़ा कर कहती है ,)
खुशी - ये ...ये क्या कर रहे आप .?
आनंद - आप सिर्फ कुछ देर इसी तरह रहिए प्लीज ...
( खुशी फिर बिना हिले डुले आनंद की तरफ ही देखने लगती है .)
आनंद - क्या आप रोहन से प्यार करती है ?
( खुशी कुछ नहीं कहती है )
आनंद - क्या आप रोहन को पसंद करती है ?
( खुशी फिर से कुछ नहीं कहती )
आनंद - एक आखिरी सवाल ...( आंखे बंद करते हुए ) आप रोहन से शादी करना चाहती है क्या ?
( खुशी की आंखे भर आई थी इसलिए वो रोते हुए कहती है नहीं करनी मुझे ये शादी , नहीं करती मै प्यार ....
( और फिर वो आनंद को कसकर पकड़ लेती है। आज से पहली बार आनंद ने खुशी के आंखो मे कभी आंसू देखे नही थे .. इसलिए वो खुशी के आंसुओ को पोछते हुए कहता है ,
आनंद - फिर ये शादी कभी नहीं होगी ....
( इतना कहकर वो वहां से चला जाता है और थोड़ी देर बाद खुशी भी फेस वाश करके बाहर आ जाती है ...........
शाम को सब लोग एक दूसरे से बात करने में लगे होते है और
आदि - रिया ...अवनी के साथ बैठे होते है और दोनों सोच रहे होते है की आखिर क्या करे ....... सामने पार्टी में गाने चल रहे होते है जिसे सुनकर टविंकि कहती है यार चलो ना सब ...डांस करते है ...
रिया - यार मूड नहीं है
आदि - मेरा भी ....
( तभी ऋषभ से विहान कहता है भाई चलो ना ...आपको पता है भाभी ने अपना बर्थडे गिफ्ट क्या मांगा है ??)
ऋषभ - क्या ?
विहान - वो ना ...वो ना ....भाभी आपके साथ कपल डांस करना चाहती है ...
अवनी -( हैरानी से ) मैंने कब ....
ऋषभ - चलिए फिर ...
विहान फिर माइक लेकर कहता है -
लेडीज एन जेंटलमैन ... भाईयो और उनकी बहनों ...पेश है
आप लोगो के सामने .....
भाई और भाभी का डांस
दोबारा नहीं मिलेगा देखने को ये चांस
सो ...आगे नहीं बनती ये तुकबंदी
क्योंकि अभी तक हमे नहीं मिली
हमारी वाली बंदी .........(धीरे से) ऊप्स मिल तो गई है ...
( सब लोग वाह वाह करते है और ऋषभ फिर अवनी के साथ बीच में आ जाता है और डांस शुरू है जाता और साथ में म्यूजिक ,.....
हो.. सुन साथिया, माहिया बरसा
दे इश्क़ा गीत स्याहिया..
रंग जाऊं, रंग रंग जाऊं री,
हारी मैं तुझपे मैं झर झर झर जाऊं
हूँ पिया बस तेरी मैं हो.. छू ले तो खरी मैं
तो खारी मैं खरी मैं मैं रेत सी
, बूँद का जरिया तू पा के तुझे
भीग जाऊं रे मैं रेत सी,
बूँद का जरिया तू पा के तुझे भीग जाऊं रे
ऋषभ ...अवनी की कमर पर हाथ रखकर ....उसे बिल्कुल अपनी करीब लिए ही डांस कर रहा होता है , तो निहारिका जी कहती है ,
निहारिका जी - ये अपना बेटा ऋषभ ही है ना ......कितना बदल गया है अब.....😍 वाह मेरी अवनी है ही ऐसी ...की किसी को भी बदल दे ....
( अनंत जी खड़े वहां सुनते पर कुछ कहते नहीं है ......डांस ख़तम होने के बाद सब लोग टेबल के पास आ जाते है क्योंकि अवनी .......बर्थडे के केक के साथ वेडिंग रिसेप्शन का केक भी काटने जाती है ,...अवनी - ऋषभ दोनों मिलकर केक काटते ,
उसके बाद सबको खिलाने के बाद अवनी ...अंदर आ जाती है वॉशरूम के लिए तभी देखती है कि निहारिका जी का कमरा खुला है ....... वो फिर कमरे की तरफ बढ़ती है और जैसे ही डोर बंद करने जाती है ...हवा की वजह से टेबल पर रखा हुआ एक पेपर नीचे गिर जाता है ......अवनी फिर अंदर जाकर पेपर उठाती है और ...उसे पढ़कर हैरान हो जाती है ,.....
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Pamela
02-Feb-2022 12:59 AM
इंट्रेस्टिंग कहानी है
Reply
Sandhya Prakash
01-Feb-2022 12:51 PM
Aisa kya likha paper me
Reply
Marium
31-Jan-2022 12:54 AM
Very intresting story h aapki
Reply